tag:blogger.com,1999:blog-7606782468657438909.post7958128465382757115..comments2023-08-18T02:53:59.741-07:00Comments on दरअसल: गरीब लोग कृपया टिकट न मांगेंजयराम शुक्लhttp://www.blogger.com/profile/08100868441465255186noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7606782468657438909.post-83441291443323086372013-03-28T04:38:26.812-07:002013-03-28T04:38:26.812-07:00शुक्ल जी ,आपने स्वर्गीय चंद्रमणित्रिपाठी जी के संघ...शुक्ल जी ,आपने स्वर्गीय चंद्रमणित्रिपाठी जी के संघर्ष की जो समीक्षा की है हमने पहले भी सुना है लेकिन देखा कभी नही ,रीवा का होने के कारण मैने उन्हे सांसद के तौर पर जानता हू लेकिन रीवा के आंचलिक लोग बतौर सांसद उन्हे देखने के लिए तरस गये थे भले ही उनकी ऐतिहासिक छवी उनके ग़रीबी और समर्पित कार्यकर्ता की रही हो किंतु इसमे कोई दोमत नही की उनकी ज़मीनी राजनैतिक की हैसियत कभी नही रही .....अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर वो चुनाव ज़रूर जीत पाए थे लेकिन फिर भी उनको रीवा जिले की कई सड़को का भी पता नही था ...रही बात संघर्ष की तो कांग्रेस के जंमाने मे हमने स्वयं देखा है ये और बात है की संगठन के पुराने कार्यकर्ता होने का लाभ उन्हे ज़रूर मिला और उन्होने अपने दूसरे सुभचिंतको को भी दिलाया कैसे भुला दिया जाय की जिस ग़रीबी और संघर्ष की जमी के सहारे उन्होने लोकसभा तक का सफ़र तय किया,और उसी पूंजीवाद को मदद करते हुए टिकट वटवारे मे मउगंज विधानसभा मे उन्होने एक पूजिपती को अचानक पार्टी मे शामिल कर टिकट दिलवाने मे मदद की ! क्या उनके इस कदम से उनका कोई नया स्वाभिमान झलकता था ,क्या वे ज़मीनी कार्यकर्ताओ की राजनैतिक हत्या के दोषी नही थे...?भले ही राजनीति मे सर्वविदित होने से पहले उनकी कुछ लोगों की नज़र मे कोई छवि रही हों लेकिन जनाधार और लोकप्रियता से वो कोषो दूर थे एक बात उनके बारे मे ज़रूर कही जा सकती है की संगठन के प्रति वो समर्पित थे और व्यक्तिगत रूप से निर्विवादित नेता थे ...ईस्वर उनकी आत्मा को शांति दे उनके जाने से रीवा भाजपा की शक्ति कमजोर हुई है उसकी भरपाई असंभव है ......बृजेन्द्र पांडे "पाँति मिश्रान"Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06397123807749655603noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7606782468657438909.post-5629829876358617522013-03-25T21:53:11.013-07:002013-03-25T21:53:11.013-07:00टिकट के बटवारें में तो बन्दरबाट हमेशा से होती आई ह...टिकट के बटवारें में तो बन्दरबाट हमेशा से होती आई है.ज्याद डोनेशन दीजिए और पार्टी की टिकट प्राप्त करें.लेफ्ट पार्टियाँ में ऐसा नही होता है.<br /><br />होली की हार्दिक शुभकामनाएँ। Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.com