सफ़ेद बाघ (व्हाइट टाइगर/white tiger) एक ऐसा बाघ है जिसका प्रतिसारी पित्रैक (रिसेसिव पित्रैक) इसे हल्का रंग प्रदान करता है. एक अन्य आनुवंशिक अभिलक्षण बाघ की धारियों को बहुत हल्का रंग प्रदान करता है; इस प्रकार के सफ़ेद बाघ को बर्फ-सा सफ़ेद या "शुद्ध सफे़द" कहते हैं. सफ़ेद बाघ विवर्ण नहीं होते हैं और इनकी कोई अलग उप-प्रजाति नहीं है और इनका संयोग नारंगी रंग के बाघों के साथ हो सकता है, हालांकि (लगभग) इस संयोग के परिणामस्वरूप जन्म ग्रहण करने वाले शावकों में से आधे शावक प्रतिसारी सफ़ेद पित्रैक की वजह से विषमयुग्मजी हो सकते हैं और इनके रोएं नारंगी रंग के हो सकते हैं. इसमें एकमात्र अपवाद तभी संभव है जब खुद नारंगी रंग वाले माता/पिता पहले से ही एक विषमयुग्मजी बाघ हो, जिससे प्रत्येक शावक को या तो दोहरा प्रतिसारी सफ़ेद या विषमयुग्मजी नारंगी रंग के होने का 50 प्रतिशत अवसर मिलेगा. अगर दो विषमयुग्मजी बाघों या विषमयुग्मजों का संयोग होता है तो उनसे जन्मे शावकों में से 25 प्रतिशत शावक सफ़ेद, 50 प्रतिशत विषमयुग्मजी नारंगी (सफ़ेद पित्रैक वाहक) और 25 प्रतिशत सफ़ेद पित्रैक विहीन समयुग्मजी नारंगी रंग के होंगे. 1970 के दशक में शशि और रवि नामक नारंगी रंग के विषमयुग्मजी बाघों की एक जोड़ी ने अलीपुर चिड़ियाघर में 13 शावकों को जन्म दिया जिसमें से 3 सफ़ेद रंग के थे.[4] अगर दो सफ़ेद बाघों का संयोग कराया जाता है तो उनके सभी शावक समयुग्मजी और सफ़ेद रंग के होंगे. सफ़ेद पित्रैक वाला एक समयुग्मजी बाघ कई विभिन्न पित्रैकों की वजह से विषमयुग्मजी या समयुग्मजी भी हो सकता है. एक बाघ विषमयुग्मजी (विषमयुग्मज) है या समयुग्मजी (समयुग्मज), यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस पित्रैक पर चर्चा की जा रही है. अन्तःसंयोग समयुग्मता को बढ़ावा देता है जिसका इस्तेमाल सफ़ेद बाघ पैदा करने में किया जाता है.
सफ़ेद पित्रैक विहीन नारंगी रंग के बाघों की तुलना में सफ़ेद बाघ जन्म के और पूर्ण वयस्क हो जाने पर, दोनों ही समय आकार में बड़े होते हैं.[5] अपने असामान्य रंगत के बावज़ूद उन्हें जंगल में अपने इस बड़े आकार से फायदा हो सकता है. नारंगी रंग के विषमयुग्मजी बाघों का आकार भी नारंगी रंग के अन्य बाघों की तुलना में बड़ा हो सकता है. 1960 के दशक के दौरान नई दिल्लीचिड़ियाघर के निदेशक कैलाश सांखला ने कहा, "सफ़ेद पित्रैक के कार्यों में से एक कार्य इनकी आबादी में एक आकार पित्रैक रखना हो सकता है, बशर्ते अगर कभी इसकी जरूरत पड़े."[6]
गहरे रंग की धारियों वाले सफ़ेद बाघों को बंगाल टाइगर की उप-प्रजाति में बखूबी शामिल कर लिया गया है जो रॉयल बंगाल या इंडियन टाइगर (पैन्थेरा टाइग्रिस टाइग्रिस या पी. टी. बेंगालेंसिस ) के नाम से मशहूर है, ये गहरे रंग की धारियां कैद साइबेरियन टाइगर (पैन्थेरा टाइग्रिस अल्टैका ) में भी देखने को मिल सकती हैं, और हो सकता है इतिहास बन चुकी कई अन्य उपप्रजातियों में भी इनके पाए जाने की खबर हो. सफ़ेद रोमचर्म का बंगाल या इंडियनउपप्रजातियों से बहुत गहरा सम्बन्ध है. मौज़ूदा समय में दुनिया भर में सैंकड़ों सफ़ेद बाघ कैद किए गए हैं, इनमें से 100 भारत में हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है. इनकी आधुनिक आबादी में विशुद्ध बंगाल और संकर बंगाल-साइबेरियन दोनों ही शामिल हैं, लेकिन यह अस्पष्ट है कि सफ़ेद रंग का प्रतिसारी पित्रैक केवल बंगाल से आया है या इनके किसी साइबेरियाई पूर्वजों से.
सफ़ेद बाघ के अनोखे रंग ने इन्हें चिड़ियाघरों और आकर्षक जानवरों का प्रदर्शन करने वाले मनोरंजक कार्यक्रमों में लोकप्रिय बना दिया है. सिग्फ्राइड एण्ड रॉय (Siegfried & Roy) जादूगरअपने प्रदर्शन के लिए दो सफ़ेद बाघों को पालने और उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए प्रसिद्ध हैं, जो इन्हें "रॉयल व्हाइट टाइगर" (राजसी श्वेत बाघ) कहते हैं, शायद इसलिए कि ये सफ़ेद बाघ किसी तरह रीवा के महाराजा से जुड़े हुए हैं. असाधारण-बाघ के प्रदर्शन वाली एचबीओ वृत्तचित्र फिल्म,कैट डांसर्स के विषय व्यक्ति, रॉन हॉलीडे, जॉय हॉलीडे और चक लीज़ा की तिकड़ी ने इस फिल्म में एक सफ़ेद बाघ से साथ काम किया जिसने इस फिल्म के दौरान उनमें से दो को मार डाला.
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